क्या है मंगल दोष? कारण, प्रभाव और उपाय - एस्ट्रो दीपक गौतम द्वारा - Blog by Deepak Goutam

क्या है मंगल दोष? कारण, प्रभाव और उपाय - एस्ट्रो दीपक गौतम द्वारा

Published on April 15 202520 min read

परिचय

मंगल दोष, जिसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण योग है जो तब बनता है जब मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो। इसे विवाह और दांपत्य जीवन पर प्रभाव डालने वाला दोष माना जाता है। लेकिन प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य जैसे एस्ट्रो दीपक गौतम की सलाह और उपायों के माध्यम से इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष मंगल ग्रह की अग्नि तत्व और उग्रता के कारण बनता है। जब यह ग्रह गलत स्थान पर होता है, तो यह वैवाहिक जीवन में कलह, देरी, या संबंध विच्छेद का कारण बन सकता है। इसका प्रभाव ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है और कुंडली के अन्य योगों से जुड़ा होता है।

मंगल दोष के प्रभाव

  1. विवाह में विलंब – मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी हो सकती है।
  2. वैवाहिक कलह – दंपति के बीच झगड़े, गलतफहमियाँ या भावनात्मक दूरी हो सकती है।
  3. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ – विशेषकर रक्त और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
  4. करियर में अस्थिरता – आवेग में लिए गए निर्णय या कार्यस्थल पर विवाद हो सकते हैं।

यदि समय रहते उचित उपाय न किए जाएं तो यह प्रभाव और अधिक गहरे हो सकते हैं। इसलिए एस्ट्रो दीपक गौतम जैसे विशेषज्ञों की सलाह आवश्यक होती है।

उज्जैन में मंगल दोष का आध्यात्मिक समाधान

उज्जैन, भारत के सात मोक्षपुरी में से एक, मंगल दोष निवारण के लिए एक शक्तिशाली तीर्थस्थल माना जाता है। महाकालेश्वर और मंगलनाथ मंदिर जैसे पवित्र स्थलों की ऊर्जा इस दोष के समाधान के लिए आदर्श मानी जाती है।

हर साल हजारों लोग उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा करवाने आते हैं। एस्ट्रो दीपक गौतम इस क्षेत्र के अनुभवी और प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य हैं, जो प्राचीन वैदिक पद्धतियों द्वारा सटीक कुंडली विश्लेषण और समाधान प्रदान करते हैं।

मंगल दोष के उपायों में उज्जैन रुद्राक्ष की भूमिका

उज्जैन रुद्राक्ष केवल एक साधारण माला नहीं है – यह उज्जैन की पवित्र ऊर्जा से युक्त होता है। जब इसे वैदिक विधि से अभिषिक्त किया जाता है, तो यह:

  • ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करता है
  • मंगल की उग्रता को शांत करता है
  • मंगल दोष से सुरक्षा प्रदान करता है
  • रिश्तों में मधुरता और मानसिक शांति लाता है

एस्ट्रो दीपक गौतम विशेष रूप से पूजा के दौरान अभिषिक्त उज्जैन रुद्राक्ष पहनने की सलाह देते हैं।

मंगल दोष के ज्योतिषीय उपाय

  • उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में मंगल दोष निवारण पूजा करवाएं।
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा और मंगल बीज मंत्र का जाप करें।
  • एस्ट्रो दीपक गौतम की सलाह अनुसार अभिषिक्त उज्जैन रुद्राक्ष धारण करें।
  • मंगलवार को लाल वस्त्र, मसूर की दाल और गुड़ का दान करें।
  • मंगलवार का व्रत रखें।
  • व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार उपायों के लिए एस्ट्रो दीपक गौतम से परामर्श लें।

एस्ट्रो दीपक गौतम क्यों चुनें?

  • 10+ वर्षों का वैदिक ज्योतिष में अनुभव
  • व्यक्तिगत कुंडली पर आधारित समाधान
  • उज्जैन की आध्यात्मिक ऊर्जा की गहन समझ
  • विशेष रूप से अभिषिक्त उज्जैन रुद्राक्ष उपलब्ध
  • हज़ारों लोगों को सफल समाधान प्रदान कर चुके हैं

निष्कर्ष

मंगल दोष कोई जीवन भर का अभिशाप नहीं है। सही जानकारी, उपाय और एस्ट्रो दीपक गौतम जैसे विशेषज्ञ की सलाह से इस दोष को शक्ति में बदला जा सकता है। उज्जैन में पूजा और शक्तिशाली उज्जैन रुद्राक्ष धारण कर इसके दुष्प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है।

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